अपने बच्चों को। समय दें औट उनका ध्यान रखें : .कोतवाल


नमस्कार दोस्तों मैं अपने पाठकों को एक ऐसे खास व्यक्ति से मिलवाने जा रहा हूं जिन्होंने अपने फर्ज में अपनी नौकरी में हमेशा ईमानदारी से काम किया है। आज मैं बात करूंगा जम्मू कश्मीर के डिस्टिक जम्मू से एस.एस.पी. आर.सी.कोटवाल जी से, हम जानेंगे उन्हीं की कहानी उन्हीं की जुबानी। हम यह भी जानेंगे ड्रग्स को लेकर कोतवाल जी ने जो मुहिम चलाई है उनमें उनका क्या कहना है हम यह भी जानेंगे कि यह ड्रग्स कैसे हमारी नई पीढ़ी को खराब कर रहा है तथा जम्मू कश्मीर में कैसे आ रहा है, आज बहुत से ऐसे मुद्दे पर कोतवाल सर से बात करेंगे। जब एक अच्छी इंफॉर्मेशन को देखते हैं


जब एक अच्छी इंफॉर्मेशन को देखते हैं और सुनते हैं तो आप उनको अच्छाइयों को भी देखते हैं और उन पर ध्यान देते हैं आइए बात करते हैं कोतवाल सर जी से सर सबसे पहले मैं जानना चाहूंगा आप अपना परिचय दें क्योंकि हर नयी पीढ़ी का सपना होता है कि वह भी एक अच्छा आईपीएस ऑफिसर बने पुलिस में जाए और आपको तो अनुभव है कृपया उसे पाठकों को बताएं।


मैंने आईपीएस तो नहीं किया है पर मैं आपको अपनी अकैडमी के बैकग्राउंड के बारे में बता देता हूं, मैंने एनएनटी बेस्ट ब्लॉग दुगापुर से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक में डिप्लोमा व डिग्री की है, उसके बाद गवर्नमेंट सेक्टर में थोड़ी देर तक काम किया काम करने के बाद मैंने जम्मू-कश्मीर जिसे कहते हैं वह कर के फैक्ट्री में कार्य कर रहा हूं और पिछले 18 साल से मैं इस क्षेत्र में कार्यरत हूं।


अभी मैं एसपी हेड क्वार्टर जम्मू डिस्ट्रिक्ट में हूं और मैं डिस्ट्रिक्ट डोडा है जम्मू डिस्ट्रिक्ट में बिलॉन्ग करता हूं और पिछले ढाई साल से इस पोस्ट को ब्लॉक कर रहा हूं, आईजी जम्मू और बाग ओसीआर अफसर ने एंटी ड्रग पर एक टीम बनाई है। ऑपरेशन संजीवनी के नाम पर चलाई जाती है ऑपरेशन संजीवनी का ज्यादातर यह मुद्दा है जो जम्मू डिस्टिक के जितने भी 25 पुलिस स्टेशन हैं या 32 हमारी पुलिस की चौकियां हैं लोग एनटीपीसी फेस और नारकोटिक्स की केस में रेस्ट होते हैं उनका हमने यहां पर जॉइनिंग इंफॉर्मेशन सेंटर करंट किया गया है। इसमें यह समझने की कोशिश की जाती है जम्मू डिस्ट्रिक्ट में कितने किस्म की ड्रग एडिक्शन है और कहां-कहां से यहां ड्रग्स आ रही है। यह मेन फोकस 2015 से स्टार्ट हुआ था और 2015 के बाद 2016, 2017, 2018 में जो इसमें बहुत अच्छा काम हुआ है। जम्मू पुलिस ने एक पुलिस ने इसमें बहुत अच्छा कार्य किया हुआ है। मैं आपको बताऊं पिछले 5 साल से नारको एडिक्शन यूथ बढ़ गया है। जम्मू एडिक्शन तो होता ही नहीं पंजाब में तो जो यह सुनने में आ रहा था, नोटिस में आ रहा था पिछले एक डेढ़ साल पंजाब का तो पता नहीं, पर इंडिया में आपकी एलओसी बॉर्डर से आ रहा है, आपकी पूंछ के बॉर्डर से आ रहा है, जम्मू में इंटरनेशनल बॉर्डर से आ रहा है। सर वहां से अगर आ रहा है 


सर वहां से अगर आ रहा है तो वहां की सिक्योरिटी वहां की आर्मी या पुलिस का कोई प्रबंध नहीं है? 


मुझे यह तो पता नहीं आप इंटरनेशनल बॉर्डर पर गए हैं या नहीं गए हैं वह कैसी लगी हुई है तो बहुत सारे लोग क्रासीन के आगे भी काम करते हैंवहां तार लगे होते हैं जो आगे भी है और पीछे भी हैं तो यहां जो स्मगलर को तार के ऊपर से फेंक देते हैं, तो यह बहुत मुश्किल है इसको अगर आप बात करें तो जम्मू कश्मीर की पुलिस ने 1 टोल प्लाजा में 15 किलो, 8 किलो, 30 किलो, 7 किलो, पिछले एक डेढ़ साल में 120 या 125 किलो के करीब आपके जो यह हीरोइन है पकड़ी है। इसकी 1 ग्राम की कॉस्ट जो है वह बाजार में समय से पता चलता है इसकी कीमत 7000 रुपये है।


सर इसमें एक और बात देखने को मिली है कि इसको लड़के ही नहीं लड़कियां भी सेवन करती हैं।


ऐसा है जम्मू में कुछ लड़कियों के केस भी हमारे पास आए हैं पिछले दोतीन साल पहले एक यंग लड़की की मृत्यु भी हो गई थी इसी की वजह से और नौजवानों में पिछले 5 साल साल ज्यादा देखने को भी है चाहे बात करें जम्मू डिस्टिक की सलाह डिस्टिक कि कठुआ डिस्टिक की नारकोटिक्स को दादर पुंछ में फैल गई है किस द्वारा में फैल गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस 3 फ्रंट पर काम कर रही है तो क्रांति हो गयी है। एडिफिकेशन पर लोगों को पकड़ा जाता है, कुछ नारकोटिक्स के हैं कुछ व्यक्ति के हैं उसके साथ हम जागरूक कर रहे हैं।अवेयरनेस और जागरूक का मतलब यह है कि एक डिप्टी रैंक के अफसर को जम्मू के स्कूल कॉलेज में 1 हफ्ते में बच्चों को इसके बारे में जानकारी दें, दूसरी चीज यह है कि जम्मू पुलिस की हेल्प में भी काम कर रही है जम्मू में भी चल रहा है कश्मीर में भी चल रहा है, आपकी गाड़ियों के टायर की चोरियां बढ़ गई हैं ऐसे केस ज्यादा देखने को आ रहे हैं। 


हाल ही में एक हादसा हुआ कि लखनऊ में एक व्यक्ति को वहां गोली मार दी जाती है और पुलिस भी उसको गोली मार देते हैं वह शायद आपने भी देखा होगा। जब ऐसे हादसे होते हैं तो जो पलिस और जनता का भरोसा है वह टूटने लगता है जैसे जो हम मेहनत करते हैं आप मेहनत करते हो कि एक जनता और आपका रिश्ता बना रहे. तो ऐसे हादसे देखकर ऐसा नहीं लगता कि लोग आपके पास आने से डरने लगे हैं। 


देखिए भारत में जो पुलिस है वह लॉ एण्ड ऑर्डर से इंडिपेंडेंट इंडिया में पुलिस आई है लोगों का अभी तक माइंड सेट वहां तक नहीं है। पुलिस वालों में उनको भरोसा होना चाहिए, आपने हादसे के बारे में बताया उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मैंने भी उसको टेलीविजन के जरिए देखा है उसके बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगा, बाकी आने वाले समय में आप को 10 साल या 20 साल पहले पुलिस से कंपेयर करेंगे तो काफी हद तक सुधार आया है उसके बहुत से कारण हैं मुझे लगता है कि मीडिया को पॉजिटिव बातें भी पुलिसवालों को दिखानी चाहिए जैसे हम अखबार पढ़ते हैं तो काफी हद तक सुधार आया है उसके बहुत से कारण हैं मुझे लगता है कि मीडिया को पॉजिटिव बातें भी पुलिस वालों को दिखानी चाहिए, जैसे हम अखबार पढ़ते है या टेलीविजन देखते हैं तो पता चलता है जो नकारात्मक है वह हमारी सेंटर है उसकी आबादी एक करोड़ होगी तो इसमें कुछ चीजें अच्छी भी हो रही हैं तो कुछ चीजें बुरी भी हो रही हैं मुझे लगता है जो डेमू करेंसी का कोमल पर फॉरेन जैसे मीडिया हैसोशल मीडिया आजकल बहुत है उसको पॉजिटिव साइड भी दिखानी पड़ेगी मुझे लगता है की पुलिस बहुत अच्छे काम भी कर रही है।


देखिए सर हम बेटियों की सुरक्षा की बात करते हैं तो जब कुछ भी हादसे होते हैं तो सीधा उंगली पुलिस पर उठाई जाती है कि वह उनको सुरक्षा प्रदान नहीं करा पाए, तो हम सुरक्षा की बात करते हैं। और फिर भी हो जाते हैं इसका क्या कारण है जनता कहां जा रही है। 


मुझे लगता है कि बेटियों की सुरक्षा के या बच्चों की सुरक्षा की जो आप बात कर रहे हैं वह काफी सारी तो इसके ऊपर पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही है जम्मू कश्मीर की पुलिस ने वूमेन पुलिस सेक्शन खोल दिया है जैसे जहां पर बहुत से इशू होते हैं जैसे वाइफ और हस्बैंड के इश्यू हैं, हमारा जो कल्चर है वह बेस्ट इन वर्ल्ड से थोड़ा अलग है तो हमें अपने इश्यू को अपने तरीके से सुलझाना पड़ेगा। वूमेन पुलिस स्टेशन नगर में काम कर रही है, उसके बाद एक अथवा में पुलिस स्टेशन काम कर रहा है, उधमपुर डिस्टिक में काम कर रहा है